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Neptune Planet: Last Mysterious Planet | रहस्यों से भरा एक अनोखा ग्रह नेपच्यून

Neptune Planet अंतरिक्ष में नीले कलर का दिखाई पड़ने वाला यह ग्रह अंतरिक्ष विज्ञान में नेपच्यून के नाम से जाना जाता है। ‌ यह सूर्य से दूरी के हिसाब से आठवीं स्थान पर आता है और यह हमारे सौरमंडल का चौथा सबसे बड़ा ग्रह है। यह सौरमं डेंसिटी वाला ग्रह है इसका मास पृथ्वी से 17 गुना ज्यादा है। यह गृह गैसों और लिक्विड से मिलकर बना हुआ है और इस पर कोई भी ठोस सतह मौजूद नहीं है।

इस ग्रह का नामकरण रोमन सभ्यता के समुद्र के देवता के नाम पर किया गया था। सौरमंडल की सबसे आखिर में मौजूद यह ग्रह एक्सप्लोरेशन के लिए एक बहुत ही रोचक विषय है यह अपने अंदर कई सारे रहस्य छुपाए हुए हैं जिनको सॉल्व करना विज्ञान के नॉलेज के दायरे को काफी बढ़ा देता है। यह ग्रह सौरमंडल के आखिर में स्थित है इसकी सूर्य से दूरी 30.1 एस्टॉनोमिकल यूनिट यानी की 4.5 billion kilometers है। इसको सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 164.8 साल लग जाते हैं। मतलब यह की इस ग्रह पर 1 साल, पृथ्वी के 164 साल से भी ज्यादा का होता है।

Neptune Planet discovery

अभी से बहुत ज्यादा दूरी पर स्थित है इसलिए इसको कभी भी आंखों से नहीं देखा जा सकता। स्पेस टेक्नोलॉजी के आने से पहले इस ग्रह की एक्सप्लोरेशन गणितीय समीकरणों द्वारा ही की गई है। इस ग्रह की शुरुआती ऑब्जर्वेशन में एक नाम बहुत प्रमुख है ‘गैलीलियो गैलिली’ 1912 में गैलीलियो ने अपनी रिसर्च में इस पिंड का जिक्र किया था। उसे समय गैलीलियो ने इसको एक Star समझा था।

Neptune Planet
Neptune Planet

1821 में एक फ्रेंच एस्टॉनोमर Alexis Bouvard यूरेनस ग्रह की ऑर्बिट को स्टडी कर रहे थे तभी उनको पता चला कि कोई ऐसा पिंड है जिसकी ग्रेविटी यूरेनस पर प्रभाव डाल रही है। और यहीं से सौरमंडल में एक और ग्रह होने की संभावना को बल मिला। इसके बाद कई सालों तक वैज्ञानिक मैथमेटिक्स के जरिए इस रहस्य को समझने की कोशिश करते रहे और 23 September 1846 को आखिरकार दुनिया ने यह मान लिया कि सौरमंडल में एक आठवां ग्रह भी मौजूद है

इसके नामकरण के दौरान वैज्ञानिकों के दिमाग में कई सारे नाम थे, Janus और Oceanus इन दोनों में से कोई एक नाम इस ग्रह को दिया जाना था। लेकिन बाद में इसका नाम रोमान माइथॉलजी के एक देवता के नाम पर रखा गया। Neptūnus को रोमान माइथॉलजी में समुद्र का देवता कहा जाता है। इन्हीं के नाम पर इस ग्रह का नाम Naptune पड़ा।

Environment of Neptune Planet

सौरमंडल के बाकी गैस जॉइंट प्लैनेट्स की तरह Neptune Planet भी hydrogen और helium से भरा हुआ एटमॉस्फेयर रखता है। इसके हाई एल्टीट्यूड पर हाइड्रोजन की मात्रा 80% से भी ज्यादा है और बाकी हीलियम और बाकी गैसें हैं। इस ग्रह पर भी जुपिटर और शनि ग्रह की तरह बहुत तेज तूफान चलते रहते हैं यहां पर हवा की स्पीड 2,200 km/h तक पहुंच जाती है। यहां पर चलने वाले तूफान इस प्लेनेट के Rotation की विपरीत दिशा में चलते हैं।

Moons and rings of Neptune Planet

इस तरह की डिस्कवरी के 17 दिन बाद ही इस ग्रह का एक चांद खोज किया गया था जिसका नाम था Triton पर नेचुरल सेटेलाइट्स की संख्या 14 है जिनमें से Triton सबसे बड़ा और भारी है। नेपच्यून ग्रह की ऑर्बिट में रिंग्स होने का भी पता चला था। नेपच्यून ग्रह की रिंग सेटर्न ग्रह की रिंग्स की तरह साफ रूप से विजिबल नहीं है। ऐसा माना जाता है कि नेपच्यून ग्रह की इन रिंग्स में आईस पार्टिकल्स पाए जाते हैं।

Exploration of Neptune Planet

नेपच्यून ग्रह की ज्यादातर डिस्कवरी टेलीस्कोप और मैथमेटिकल रिसर्च के द्वारा ही की गई है। ये ग्रह पृथ्वी से बहुत ज्यादा दूर है इसके कारण इसकी एक्सप्लोरेशन के लिए कोई भी मिशन भेजना बहुत ज्यादा मुश्किल है। वाइजर 2 इकलौता ऐसा स्पेसक्राफ्ट है जो कि 25 अगस्त 1989 को यह नेपच्यून के सबसे ज्यादा पास पहुंचा।

Voyager 2 से हुई डिस्कवरीज ने यह कंफर्म किया कि नेपच्यून ग्रह के पास अपनी एक मैग्नेटिक फील्ड भी मौजूद है। इसने यह भी पता लगाया कि नेप्चून पर एक एक्टिव वेदर सिस्टम भी मौजूद है।

नेपच्यून ग्रह के कितने चंद्रमा हैं?

नेपच्यून ग्रह के कुल 14 चाँद हैं और Triton इस ग्रह का सबसे बड़ा चाँद है।

क्या नेपच्यून ग्रह पर हीरे हैं?

नेपच्यून ग्रह के अंदर दबाव इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि नेपच्यून ग्रह के भीतर हीरों का निर्माण होने लग जाता है। लेकिन हम इंसान इन हीरों तक नहीं पहुँच सकते।

Neptune Planet का रंग नीला क्यों है?

Neptune Planet को इसका गहरा नीला रंग इसके वातावरण में मौजूद मीथेन की वजह से मिलता है।

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